कोरोना बिमारी कम
ब्यापार ज्यादा हो गया।
पहिली क्लास का पप्पू
अचानकसे दादा हो गया।
कल तक चर्चे थे जीसके
औरती रवैय्ये के
आज ओ अचानक से
मादा हो गया।
सियासत का वसुल है
जो कभी पुरा न हो
वही तो नेताओ का
वादा हो गया ।
मै गावं में तदरुस्त था
सुखी चटनी रोटी से
हालत खस्ता हो गयी
सरकारि खाना ज्यादा हो गया।
मै तो बादशाह हुँ देश का
ये आवभगत मेरे लीये है
पक्ष विपक्ष के शतरंज मे
न जाने कब प्यादा हो गया।
संजू तु भी संभलजा
हमेशा सच कहता है
कही बेवडे ना कह दे
आज इसे ज्यादा हो गया।
– संजय कमल अशोक
पत्रकार, अकोला
M. 7378336699